खासियत
इस विश्वविद्यालय में अधिकांश पाठ्यक्रम क्रेडिट प्रणाली पर आधारित हैं। हर क्रेडिट 30 घंटे के अध्ययन पर आधारित होता है, जिसमें सभी गतिविधियां शामिल होती हैं, जैसे मुद्रित अध्ययन सामग्री को पढना, ऑडियो सुनना, वीडियो देखना, काउंसलिंग सत्र में शामिल होना, टेलीकॉन्फ्रेंसिंग करना और असाइनमेंट पूरा करना। यूं तो देश में कई अन्य दूरस्थ शिक्षा विश्वविद्यालय हैं, लेकिन इग्नू की कुछ खास विशेषता ही उन्हें अलग और शीर्ष स्थान प्रदान करती हैं। वे हैं-
अंतरराष्ट्रीय क्षेत्राधिकार
दाखिले के आसान नियम
नवीनतम सूचना के संचार माध्यमों का प्रयोग
विद्यार्थी सहायता सेवाओं का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क
कम शुल्क
देश के अन्य विश्वविद्यालयों तथा संगठनों के साथ तालमेल
मुक्त एंव परंपरागत शिक्षा का मेल
स्कूल ऑफ स्टडीज
इग्नू में कुल 21 तरह के पाठ्यक्रम हैं। इसके सारे पाठ्यक्रम स्कूल ऑफ स्टडीज के माध्यम से संचालित होते हैं। हर स्कूल एक निदेशक के अधीन काम करता है। यहां इस बात का विशेष बल दिया गया है कि विद्यार्थियों को पाठ्यक्रमों के मामले में अधिक से अधिक विकल्प मिल सकें। इस संस्थान में देश और विदेश के सभी पॉपुलर और रोजगारपरक कोर्स मानविकी, समाजिक विज्ञान, विज्ञान, शिक्षा, सतत शिक्षा, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी, मैनेजमेंट, स्वास्थ्य विज्ञान, कंप्यूटर एवं सूचना, कृषि विधि, पत्रकारिता एवं न्यू मीडिया, वित्त एवं विकास अध्ययन, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, अंतर विषयक एवं अंत: विषयक सोशल वर्क, व्यावसायिक शिक्षा, विस्तार ऐंड विकास अध्ययन, विदेशी भाषा अनुवाद अध्ययन एवं प्रशिक्षण, परफॉर्मिग ऐंड विजुअल आर्ट्स आदि उपलब्ध हैं।
अध्ययन केंद्र
इग्नू के पूरे देश में 48 क्षेत्रीय केंद्र हैं, जहां से नामांकन पर अध्ययन संबंधित तमाम जानकारियां हासिल की जा सकती है। इसके अलावा सेना के छह क्षेत्रीय केंद्र हैं और नेवी के पांच और असम राइफल का एक क्षेत्रीय केंद्र भी शिक्षा के प्रचार-प्रसार में लगा हुआ है।
सभी कोर्स मान्यताप्राप्त
इग्नू द्वारा प्रदान की जाने वाली एमबीए और एमसीए की डिग्री को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा अन्य डिग्री व डिप्लोमा को भी एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी तथा यूजीसी द्वारा भी मान्यता मिली हुई है। इग्नू में जुलाई, 2008 से ऐसी व्यवस्था भी है, जिसमें मैनेजमेंट और बीएड कार्यक्रमों को छोडकर दूसरे पाठ्यक्रमों में साल में कभी भी दाखिला लिया जा सकता है। इसके पाठ्यक्रमों व नामांकन से संबंधित तमाम जानकारियों के लिए आप देख सकते हैं।
www.ignou.ac.in
क्या है इग्नू
सभी को उच्चस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराने की मंशा से 1985 में संसद के एक अधिनियम के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। इस विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों को तय करने में इस बात का खयाल रखा जाता है कि वे जरूरतों पर आधारित पाठ्यक्रम हों। वर्तमान में इग्नू उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षा रखने वाले उन सभी लोगों के लिए एक वरदान की तरह है, जो किसी वजह +से रेगुलर पढाई नहीं कर पाते। इस संस्थान में आज के हिसाब से लगभग सभी कोर्स उपलब्ध हैं और खास बात यह है कि इनकी विश्वसनीयता नियमित संस्थानों द्वारा दी जा रही शिक्षा से किसी मायने में कम नहीं है। उसे कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निग की ओर से दूरस्थ शिक्षा में सर्वोत्कृष्ट केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। भारत ही नहीं, अन्य 35 देशों में इग्नू का जाल बिछा हुआ है। इसके ज्ञान दर्शन नाम से 24 घंटे के चैनल भी चल रहे हैं। इसके अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग चैनल भी शुरू किया गया है।
एक नजर
विद्यार्थियों की संख्या 20 लाख से अधिक
भारत में कुल विश्वविद्यालयी छात्रों का 15 प्रतिशत से भी ज्यादा
कुल प्रोग्राम लगभग 323
पाठ्यक्रम 4 हजार
स्कूल ऑफ स्टडीज 21
डिविजन 12
रीजनल सेंटर 62
50 विदेशी संस्थानों से तालमेल
अब कोर्स डाउनलोड किए जा सकेंगे
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ने कक्षा में अनिवार्य उपस्थिति की बाध्यता को खत्म करते हुए देश के तकरीबन 15 प्रतिशत स्टूडेंट्स को शिक्षा पहुंचाकर एक क्रांतिकारी काम किया है। 20 लाख से अधिक नामांकन इसकी पुष्टि करने के लिए पर्याप्त है। इग्नू की वर्तमान और भविष्य की विस्तार योजनाओं को लेकर हमनें बात की यहां के कुलपति श्री वी.एन. राजशेखरन पिल्लई से-
नए पाठ्यक्रम के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है।
हम लोग आइडिया पर काम करते हैं। कमिटी गठित होती है। 80 से 90 लोगों की टीम होती है। अन्य विश्वविद्यालयों के जानकारों व विशेषज्ञों को बुलाया जाता है, तभी कोई निर्णय लिया जाता है। हम यहां तक प्रयास करते हैं कि कौन सा ऐसा कोर्स है, जो ग्रास रूट पर अधिक से अधिक रोजगार देने में सक्षम है। उसकी समीक्षा कर उसे पाठ्यक्रम में शामिल करते हैं।
कम्युनिटी कॉलेज की हमारे देश में कितनी प्रासंगिकता और उपयोगिता है।
कम्युनिटी कॉलेज वे संस्थान हैं, जो कम्युनिटी के लिए कम्युनिटी द्वारा ही चलाए जाते हैं। इसका मूल उद्देश्य समाज के सभी वर्गो खासतौर से निर्धन और सीमांत पर जाने वाले नागरिकों को अवसर प्रदान करना है। यहां ऐसे स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित किया जाता है, जो तीन साल का डिग्री कोर्स तो करना चाहते हैं, लेकिन शैक्षिक, आर्थिक या व्यक्तिगत रूप से औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने में सक्षम नहीं है। हमारे देश में कम्युनिटी कॉलेज का भविष्य काफी बेहतर है, क्योंकि कृषि, स्वास्थ्य, विधि, कंप्यूटर टेक्नॉलाजी और नार्सिंग जैसे क्षेत्रों में कुशल लोग यहीं से तैयार होकर जाएंगे। आज हमारे देश में 234 कम्युनिटी कॉलेज हैं।
भाषाओं को लेकर इग्नू में काफी पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। इसके पीछे क्या सोच है?
हमारा देश में हर 10 मील पर भाषा बदल जाती है। आज हालत यह है कि दक्षिण भारतीय को उत्तर भारतीयों की भाषा समझ में नहीं आती है और उत्तर भारत के लोग दक्षिण की भाषा नहीं समझ पाते हैं। पाठ्यक्रमों के माध्यम से हम चाहते यह बाधा दूर हो और सूचना की दुनिया और ज्यादा फैले।
इग्नू के पाठ्यक्रमों में किस तरह के नए कोर्स हैं?
साइन लैंग्वेज, ट्रांसलेशन, भोजपुरी, ऑनलाइन जर्नलिज्म कोर्स, बीए इन 3 डी एनिमेशन, सर्टिफिकेट इन पॉल्ट्री फॉर्मिग, हेल्थ ऐंड एन्वायरनमेंट, पीजी प्रोग्राम इन एग्रीकल्चर पॉलिसी जैसे नए कोर्स इग्नू में शामिल किए गए हैं। खास बात यह है कि जल्द ही इन पाठ्यक्रमों को और सुलभ बनाने के लिए थ्री जी मोबाइल सर्विस चालू की जा रही है। इसके जारिए आप कोर्स डाउनलोड, ईमेल कर सकेंगे।
फजले गुफरान
वी.एन. राजशेखरन पिल्लई से बातचीत पर आधारित
source: yahoo Jagran